प्रणाम।
श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ जैन बेन्ड(मलाड – मुंबई) के प्रतिनिधि के तौर पे यह पुस्तक ने मुझे हमेशा ठंडे दिमाग से सोचने को प्रेरणा दी है। जेलर पुस्तक ने सदा मुझे अनाव्यश्यक गुस्से से बचाया है। यह किताब पढ़कर मेरे मित्र को जैन धर्म में तर्क (logic) का एहसास करवाया एवं शासन के प्रति उसकी श्रद्धा बढ़ी।
गुरुदेव अपनी भाषा शैली से सबका कल्याण करे ऐसी विनंती।
धन्यवाद।